“शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है; शिक्षा ही जीवन है।” ~ जॉन डेवी
– अभ्यास प्रश्न –
इकाई 6 – पौधों में पोषण
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर के चार विकल्प दिये हैं। सही उत्तर चुन कर लिखिए-
(क) परपोषी पौधा है-
(i) अमरबेल ✅
(ii) नीम
(iii) गुलाब,
(iv) सहजन
(ख) कीटभक्षी पौधे सामान्यतः उनस्थानों पर मिलते हैं जहाँ की भूमि में कमी होती है-
(i) आक्सीजन की
(ii) जल की
(iii) नाइट्रोजन की ✅
(iv) कार्बन की
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) हरे पौधे अपना भोजन स्वयं बनाने के कारण स्वपोषी कहलाते हैं।
(ख) सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है।
(ग) हरे पौधों द्वारा भोजन बनानेकी प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।
(घ) ऐसे पौधे जो सड़े गले पदार्थों से भोजन प्राप्त करते हैं, मृतोपजीवी कहलाते हैं।
(ङ) ड्रॉसेरा एक कीटभक्षी पौधा है।
3. कॉलम क के शब्दों का मिलान कॉलम ख से कीजिए-

4. संक्षिप्त उत्तर दीजिए-
(क) पत्तियों में पाये जाने वाले हरे वर्णक को क्या कहते है ?
पत्तियों में पाये जाने वाले हरे वर्णक को पर्ण हरिम ( Chlorophyll) कहते है
(ख) अपना भोजन स्वयं न बनाने वाले जीव क्या कहलाते हैं ?
उत्तर-
अपना भोजन स्वयं न बनाने वाले जीव परपोषी कहलाते हैं
(ग) उस सम्बन्ध को क्या कहते हैं जिसमें दो जीव आपस में एक दूसरे को सहयोग करते हैं। और दोनों लाभान्वित होते हैं ?
उत्तर-
ऐसा सम्बन्ध जिसमें दो जीव आपस में एक दूसरे को सहयोग करते हैं, और दोनों लाभान्वित होते हैं , को सहजीविता कहते हैं।
(घ) पूर्ण परजीवी पौधे अपने किस अंग के द्वारा पोषक से जल तथा खनिज लवण प्राप्त करते हैं?
उत्तर-
पूर्ण परजीवी पौधे अपने चूषकांगों के द्वारा पोषक से जल तथा खनिज लवण प्राप्त करते हैं।
5. हरे पौधे में प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर- प्रकाश-संश्लेषण एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें हरे पौधे सूर्य के प्रकाश, जड़ों द्वारा अवशोषित जल और पत्तियों द्वारा ली गई कार्बन डाइऑक्साइड की मदद से पत्तियों में भोजन (ग्लूकोज) बनाते हैं तथा ऑक्सीजन उत्पन्न होती है। यह पर्णहरित (chlorophyll) मे होती है।
इसको निम्नलिखित समीकरण द्वारा दर्शाते हैं-
6CO2 ( कार्बन डाई आक्साइड ) + 6H2O (जल) = C6H12O6 (ग्लूकोज) + 6O2 (ऑक्सीजन )
6. किस प्रयोग द्वारा दिखायेंगे कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में सूर्य का प्रकाश आवश्यक है।
उत्तर-प्रकाश-संश्लेषण में सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता को सिद्ध करने के लिए एक सरल प्रयोग किया जा सकता है जिसे हाइड्रिला पौधे का प्रयोग कहा जाता है।
🔬 प्रयोग की विधि:
- सामग्री:
- दो काँच के गिलास
- पानी
- हाइड्रिला (Hydrilla) पौधे की शाखाएँ
- काला कागज
- प्रक्रिया:
- दोनों गिलासों में पानी भरें और हाइड्रिला की एक-एक शाखा डालें।
- एक गिलास को खुला रखें ताकि सूर्य का प्रकाश सीधे पड़े।
- दूसरे गिलास को काले कागज से ढक दें ताकि उसमें प्रकाश न पहुँचे।
- दोनों गिलासों को एक घंटे तक खुले स्थान पर रखें।
- परिणाम:
- खुले गिलास में हाइड्रिला की शाखा से ऑक्सीजन के बुलबुले निकलते दिखाई देंगे।
- ढके हुए गिलास में कोई बुलबुले नहीं दिखेंगे।
📌 निष्कर्ष:
जिस गिलास को सूर्य का प्रकाश मिला, उसमें प्रकाश-संश्लेषण हुआ और ऑक्सीजन बनी। दूसरे गिलास में प्रकाश न होने के कारण यह प्रक्रिया नहीं हुई। इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश-संश्लेषण के लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक है।

7. किसी कीटभक्षी पौधे का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
घटपर्णी पौधा (Nepenthes), जिसे आमतौर पर पिचर प्लांट के नाम से जाना जाता है, एक कीटभक्षी पौधा है। ये मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में पाए जाते हैं,जहां नाइट्रोजन की कमी होती है।
यह पौधा अपनी पत्तों को एक घड़े या जग के आकार में बदल लेता है, जो एक जाल की तरह काम करता है। इस घड़े के ऊपरी हिस्से (ढक्कन) और किनारों पर मीठा रस (nectar) होता है, जो कीड़ों को आकर्षित करता है। जब कोई कीड़ा रस पीने आता है, तो वह फिसलकर घड़े के अंदर गिर जाता है। जैसे ही कीड़ा अंदर गिरता है, वह उसमें डूब जाता है और पौधा उसे धीरे-धीरे पचा लेता है।

प्रोजेक्ट कार्य
नोट- प्रोजेक्ट कार्य छात्र स्वयं करें।
प्रश्नोत्तरी [ quiz ]
इकाई 6 – पौधों में पोषण