“शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है; शिक्षा ही जीवन है।” ~ जॉन डेवी
– अभ्यास प्रश्न –
इकाई 2 – मानव निर्मित वस्तुएँ
1. निम्नलिखित प्रश्नों मे सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका मे लिखिए –
(क) थर्माकोल का दूसरा नाम है –
(अ) टेफलॉन
(ब) स्टाइरोन ✅
(स) नायलॉन
(द) डेक्रॉन
(ख) पौधों का मुख्य पोषक तत्व है –
(अ) गंधक
( ब) ऑक्सीजन
(स) नाइट्रोजन ✅
( द) कार्बन
(ग) फेरिक आक्साइड मिलने से निर्मित कांच होता है –
(अ) हरा
( ब) हल्का नीला ✅
(स) पीला
( द) बैंगनी
(घ) खिड़कियों मे प्रयोग किया जाता है –
(अ) कठोर कांच
( ब) फोटोक्रोमेटिक कांच
(स) फ्लिंट कांच
( द) साधारण या मृदु कांच ✅
2. निम्नलिखित कथनों मे सही कथन पर सही (✅) और गलत कथं पर गलत (❌) का चिन्ह लगाइए –
उत्तर-
(क) फोटोक्रोमिक कांच प्राप्त करने के लिए उसमें कुछ सिल्वर आयोडाइड मिलाया जाता है। ✅
(ख) रेयान प्राकृतिक रेशा है। ❌
(ग) सीमेंट, साबुन, प्लास्टिक आदि मानव निर्मित वस्तुएं हैं। ✅
(घ) एंटीबायोटिक दावों का उपयोग कीटनाशक के रुप में किया जाता है। ❌
3. नीचे दिए गए शब्दों की सहायता से रिक्त स्थान की पूर्ति अपनी अभ्यास पुस्तिका मे कीजिए –
(साबुन, प्राकृतिक, बर्तन, संश्लेषित, पराबैंगनी)
उत्तर-
(क) मेलामाइन का उपयोग प्लास्टिक के बर्तन बनाने में किया जाता है।
(ख) सूत, रेशम, ऊन प्राकृतिक रेशे है।
(ग) धूप के चश्में सूर्य की पराबैंगनी किरणों से आँखों को बचाते हैं।
(घ) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और वनस्पति तेल की क्रिया से साबुन प्राप्त किया जाता है।
(ड़) संश्लेषित रेशों से बने कपड़े अधिक टिकाऊ और सस्ते होते हैं।
4. संक्षेप मे उत्तर दीजिए –
(क) प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित वस्तुओं से क्या समझते हैं?
उत्तर- प्राकृतिक वस्तुएं: ये वे चीजें हैं जो प्रकृति में पाए जाते हैं, जैसे पेड़, पत्थर, पानी, हवा आदि।
मानव-निर्मित वस्तुएं: ये वे चीजें हैं जो इंसानों ने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके बनाई हैं, जैसे घर, कार, किताबें, मोबाइल आदि।
(ख) किन्हीं चार प्रकार के काँच का नाम लिखिए।
उत्तर- 1. फ्लिन्ट या प्रकाशीय काँच। 2. कठोर काँच। 3. फोटोक्रोमिक काँच। 4. साधारण या मूदु काँच
(ग) पॉलीथीन, टेफ्लॉन, बैकेलाइट तथा एक्रिलिक के एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर- पॉलीथीन: थैली, पाइप आदि बनाने में
टेफलॉन: नॉनस्टिक बर्तन पर ऊष्मारोधी परत चढ़ाने में
एक्रिलिक : कार एवं ट्रैकों की खिड़कियां बनाने में
बेकेलाइट : बिजली के प्लग एवं स्विच बनाने में
(घ) साबुन और अपमार्जक में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर- साबुन:यह वनस्पति तेल और सोडियम अथवा पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड की पारस्परिक क्रिया द्वारा बनाया जाता है। साबुन कठोर जल के साथ कम झाग देते हैं।
अपमार्जक: अपमार्जक, पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन्स से बनाए जाते हैं। अपमार्जक साबुन की अपेक्षा कठोर जल में अधिक झाग देते हैं।
(ड़) मृतिका क्या है ?
उत्तर- उच्च ताप पर पकाये गए मिट्टी के बर्तन ( पकी मिट्टी) को मृतिका कहते हैं।
(च) संश्लेषित रेशे क्या हैं ?
उत्तर – संश्लेषित रेशे उच्च अणुभार वाले बहुलक योगिक होते है। ये मानव निर्मित रेशे होते हैं । जैसे – नायलॉन , पॉलिस्टर , डेक्रॉन तथा रेयॉन ।
5. स्तम्भ ‘क’ के अधूरे वाक्यों को स्तम्भ ‘ख’ की सहायता से पूरा कीजिए –
उत्तर –
6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(क) भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए कौन-कौन से उपाय किये जा सकते हैं ?
उत्तर- भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट और हरी खाद मिट्टी का उपयोग करते हैं। फसल चक्रण और फसल अवशेषों का उपयोग भी मिट्टी की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। सिंचाई का कुशल प्रबंधन और वर्षा जल संचयन से भी भूमि की उर्वरता बढ़ती है।
(ख) धूप में बाहर निकलने पर हम धूप के चश्मों का प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर- सूर्य की गर्मी और पराबैंगनी किरणों से बचने के लिए धूप में बाहर निकलने पर हम धूप के चश्मों का प्रयोग करते हैं।
(ग) संश्लेषित रेशों से बने वस्त्र जल्दी क्यों सूख जाते हैं ?
उत्तर- संश्लेषित रेशे पानी को कम अवशोषित करते हैं, इसलिए इनसे बने वस्त्र जल्दी सूख जाते हैं।
(घ) जैव निम्नीकरणीय और जैव अनिम्नीकरणीय में अंतर लिखिए।
उत्तर – जैव निम्नीकरणीय: प्राकृतिक रूप से अपघटित हो जाते हैं, और पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं।(उदाहरण: कागज, खाद्य पदार्थ)
जैव अनिम्नीकरणीय: प्राकृतिक रूप से अपघटित नहीं होते हैं और पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं (उदाहरण: प्लास्टिक, धातु)
प्रोजेक्ट कार्य
प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करके अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए।
छात्रों की सहायता के लिए यहाँ जानकारी दी जा रही है । छात्रों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी से मार्गदर्शन ले कर अपना प्रोजेक्ट कार्य स्वयं करें।
प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण पर प्रभाव:
- मिट्टी और जल प्रदूषण:
प्लास्टिक अपशिष्ट लंबे समय तक नष्ट नहीं होता, जिससे मिट्टी और जल स्रोत प्रदूषित हो जाते हैं। यह जलीय जीवन और कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। - वन्यजीवों के लिए खतरा:
प्लास्टिक कचरा जानवरों और पक्षियों द्वारा गलती से खा लिया जाता है, जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है। समुद्री जीव प्लास्टिक को खाने के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं। - ग्लोबल वार्मिंग में योगदान:
प्लास्टिक के उत्पादन और नष्ट करने की प्रक्रिया में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाता है। - स्वास्थ्य पर प्रभाव:
प्लास्टिक के जलने से हानिकारक रसायन और विषैली गैसें निकलती हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती हैं। - पुनर्चक्रण की कठिनाइयाँ:
प्लास्टिक का पुनर्चक्रण महंगा और जटिल प्रक्रिया है। सभी प्रकार के प्लास्टिक को पुनर्चक्रित नहीं किया जा सकता, जिससे कचरे की समस्या बढ़ती है।
प्रश्नोत्तरी [ quiz ]
इकाई 2 – मानव निर्मित वस्तुएँ
COMING SOON
प्रश्नोत्तरी अभी तैयार की जा रही है जल्द ही आपके लिए प्रस्तुत की जाएगी