“शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है; शिक्षा ही जीवन है।” ~ जॉन डेवी
– अभ्यास प्रश्न –
इकाई 8 – जीवों में श्वसन
1. निम्नलिखित में सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-
(क) कॉकरोच में श्वसन होता है-
(अ) फेफड़ों द्वारा
(ब) श्वासरन्ध्रों द्वारा ✅
(स) गिल्स द्वारा
(द) त्वचा द्वारा
(ख) श्वासोच्छ्वास में किसकी भूमिका नहीं होती है-
(अ) पसलियाँ ✅
(ब) फेफड़े
(स) डायाफ्राम
(द) नासाद्वार
(ग) ‘C’ के आकारके छल्ले जैसी संरचना होती हैं-
(अ) श्वासनली में ✅
(ब) मुख गुहा में
(स) ग्रसनी में
(द) फेफड़े में
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करिए-
उत्तर-
(क) नासिका की गुहा को नासागुहा कहते हैं।
(ख) नासागुहा की दीवार पर श्लेष्म ग्रन्थियाँ होती हैं।
(ग) व्यायाम करते समय श्वसन दर बढ़ जाती है।
(घ) कॉकरोच श्वासरंध्र द्वाराश्वसन करता है।
(ङ) श्वसन क्रिया में ऊर्जा खर्च होती है।
3. निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✅) तथा गलत के सामने (❌) का चिह्न लगाइए-
उत्तर-
(क) अत्यधिक व्यायाम करते समय व्यक्ति की श्वसन दर धीमी हो जाती है। (❌)
(ख) अंतः श्वसन में ऑक्सीजनयुक्त वायु ग्रहण की जाती है। (✅)
(ग) मेंढ़क, त्वचा एवं फेफड़े दोनों के माध्यम से श्वसन करते हैं। (✅)
(घ) उच्छ्वासन को निःश्वसन भी कहते हैं। (✅)
(ङ) पेड़ – पौधे रन्ध्रों द्वारा श्वसन करते हैं। (✅)
4. सही मिलान करिए-
उत्तर-

5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) श्वसन किसे कहते हैं ?
उत्तर- पौधे मनुष्यों और जानवरों की तरह ही श्वसन करते हैं, लेकिन उनमें श्वसन के लिए कोई विशेष अंग नहीं होते। वे अपनी पत्तियों में मौजूद छोटे-छोटे छिद्रों (रंध्रों), तनों और जड़ों की सतह से सीधे गैसों का आदान-प्रदान करते हैं।
(ख) श्वासोच्छवास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- श्वासोच्छवास (breathing) एक श्वसन की प्रक्रिया है जिसमें हम वायुमंडल से वायु को अंदर लेते हैं (अंतःश्वसन) और शरीर के अंदर की वायु को बाहर निकालते हैं (निःश्वसन)। यह मुख्य रूप से श्वसन तंत्र के अंगों जैसे फेफड़े और डायाफ्राम की मदद से होती है।
(ग) श्वासोच्छवास एवं श्वसन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्त-
श्वासोच्छ्वास (Breathing)
यह वह प्रक्रिया है जिसमें जीव वातावरण से ऑक्सीजन युक्त हवा अंदर लेता है (अंतःश्वसन) और कार्बन डाइऑक्साइड युक्त हवा बाहर छोड़ता है (निःश्वसन)। यह केवल गैसों का आदान-प्रदान है, जिसमें ऊर्जा का उपयोग नहीं होता। यह प्रक्रिया शरीर के श्वसन अंगों (जैसे फेफड़े) में होती है।
श्वसन (Respiration)
यह एक कोशिकीय प्रक्रिया है जो शरीर की प्रत्येक कोशिका के अंदर होती है। इस प्रक्रिया में, ऑक्सीजन का उपयोग करके भोजन (ग्लूकोज) को तोड़ा जाता है ताकि ऊर्जा (ATP) उत्पन्न हो सके। इस प्रक्रिया के उप-उत्पाद के रूप में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी बनते हैं। यह एक जटिल जैव-रासायनिक क्रिया है जिसमें कई एंजाइम भाग लेते हैं।
श्वासोच्छ्वास (Breathing) | श्वसन (Respiration) | |
---|---|---|
प्रक्रिया का प्रकार | भौतिक और यांत्रिक | जैव-रासायनिक |
स्थान | श्वसन अंग (जैसे फेफड़े) | कोशिकाओं के अंदर |
ऊर्जा का उत्पादन | नहीं होता | होता है (ATP के रूप में) |
उद्देश्य | गैसों का आदान-प्रदान | ऊर्जा का उत्पादन |
(घ) मानव के श्वसन अंगों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर- मानव श्वसन अंग मे मुख्यतः निम्नलिखित भाग होते हैं –

नासा-गुहा (Nasal Cavity): यह वायु का प्रवेश द्वार है। यहाँ हवा को फिल्टर (बाल और श्लेष्मा द्वारा), गर्म और नम किया जाता है।
ग्रसनी (Pharynx) / गला: यह वायु को नासा-गुहा से श्वास नली तक पहुँचाने का मार्ग है।
स्वरयंत्र (Larynx): इसे ‘वॉयस बॉक्स’ भी कहते हैं। यह ध्वनि उत्पन्न करता है और श्वास नली का द्वार है।
श्वास नली (Trachea): एक नली जो गले से फेफड़ों तक हवा ले जाती है। इसमें उपास्थि के वलय होते हैं जो इसे खुला रखते हैं।
श्वसनी (Bronchi) और श्वसनिकाएँ (Bronchioles): श्वास नली दो भागों में बँटकर श्वसनी बनाती है, जो फेफड़ों में प्रवेश करती हैं। ये आगे छोटी-छोटी शाखाओं (श्वसनिकाओं) में विभाजित हो जाती हैं।
फेफड़े (Lungs): ये श्वसन तंत्र के मुख्य अंग हैं, जो पसलियों द्वारा सुरक्षित होते हैं। यहीं पर गैसों का विनिमय होता है।
- कूपिकाएँ (Alveoli) / वायु कोष: ये श्वसनिकाओं के अंत में स्थित छोटे गुब्बारे जैसी संरचनाएँ हैं। यह वह मुख्य स्थान है जहाँ ऑक्सीजन रक्त में प्रवेश करती है और कार्बन डाइऑक्साइड रक्त से बाहर निकलती है।
डायाफ्राम (Diaphragm): यह छाती गुहा के नीचे स्थित एक मजबूत मांसपेशी है। इसके सिकुड़ने और फैलने से फेफड़ों में हवा अंदर ली जाती है और बाहर छोड़ी जाती है।
(ङ) पौधे किस प्रकार श्वसन करते हैं ?
उत्तर- पौधे निम्नलिखित तरीके से श्वसन करते हैं:
- गैसों का आदान-प्रदान (Gas Exchange):
- पौधे सीधे वायुमंडल से ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं।
- यह प्रक्रिया मुख्य रूप से पत्तियों की सतह पर मौजूद छोटे छिद्रों, जिन्हें रंध्र (Stomata) कहते हैं, के माध्यम से होती है।
- तनों में वात-रंध्र (Lenticels) और जड़ों की सतह से भी गैसों का आदान-प्रदान होता है।
- ऊर्जा उत्पादन (Energy Production):
- श्वसन के दौरान, पौधे अपने द्वारा प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) में बनाए गए ग्लूकोज (भोजन) को तोड़ते हैं।
- इस प्रक्रिया में, ग्लूकोज ऑक्सीजन के साथ मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड, जल वाष्प और ऊर्जा (ATP के रूप में) मुक्त करता है। इस ऊर्जा का उपयोग पौधे अपनी जैविक क्रियाओं (जैसे वृद्धि, पोषक तत्वों का परिवहन आदि) के लिए करते हैं।
ग्लूकोज+ऑक्सीजन→कार्बन डाइऑक्साइड+जल+ऊर्जा
6. रात्रि में वृक्षों के नीचे क्यों नहीं सोना चाहिए?
उत्तर-
दिन मे पौधे प्रकाश संश्लेषण कर ऑक्सीजन गैस बनाते हैं जोकि हमारे लिए लाभदायक है लेकिन रात के समय प्रकाश संश्लेषण नहीं करते और उनके द्वारा लगातार श्वसन करने से वहाँ कॉर्बन डाई आक्साइड उत्सर्जित होती है जो हमारे लिए हानिकारक होती है । इसलिए रात्रि मे वृक्ष के नीचे नहीं सोना चाहिए ।
7. मछली किस प्रकार श्वसन करती है, सचित्र वर्णन कीजिए।

प्रोजेक्ट कार्य
प्रश्नोत्तरी [ quiz ]
इकाई 8 – जीवों में श्वसन