“शिक्षा जीवन की तैयारी नहीं है; शिक्षा ही जीवन है।” ~ जॉन डेवी
– अभ्यास प्रश्न –
विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र मे नवीनतम प्रगति
1. निम्नलिखित प्रश्नों मे सही विकल्प छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका मे लिखिए –
(क) निम्नलिखित वस्तुओं में कौन सी वस्तुओं मे जंग लग सकता है-
(अ) लकड़ी की मेज
(ब) स्टील की कुर्सी
(स) खुली स्थानों पर रखी लोहे की छड़ ✅
(द) तेल लेपित लोहे की छड़
(ख) बॉक्साइट किसका अयस्क है-
(अ) सोडियम
(ब) लोहा
स) ऐलुमीनियम ✅
(द) कॉपर
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) सोडियम धातु को मिट्टी के तेल में रखते हैं।
(ख) जंग लगने के लिए ऑक्सीजन तथा नमी आवश्यक है।
(ग) धातु से तार बनाने का गुण तन्यता कहलाता है।
(घ) जिन खनिजों से धातु का निष्कर्षण किया जाता है उन्हें अयस्क कहते हैं।
3. निम्नलिखित कथनों मे सही कथन पर सही (✅) और गलत कथं पर गलत (❌) का चिन्ह लगाइए –
(क) हीरा कार्बन का रूप है। ✅
(ख) हेमेटाइट एलुमिनियम का अयस्क है। ❌
(ग) धातु ऑक्सीजन से क्रिया करके धातु ऑक्साइड बनाते हैं। ✅
(घ) क्वार्ट्ज धात्विक खनिज है। ❌
(ङ) संगमरमर चूने के पत्थर से बनता है। ✅
4. स्तम्भ ‘क’ के शब्दों का स्तम्भ ‘ख’ के शब्दों से मिलान कीजिए-
5. निम्नलिखित प्रश्नों का संक्षेप मे उत्तर दीजिए –
(क) खनिज तथा अयस्क में क्या अंतर है?
उत्तर – खनिज- पृथ्वी के भू-पर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों अथवा यौगिको को खनिज कहते हैं। जैसे-क्वार्ट्ज, हेमेटाइट,बॉक्साइट, ग्रेनाइट आदि।
अयस्क – ऐसे खनिज, जिनसे धातु का निष्कर्षण अधिक मात्रा में सरलता से और कम लागत में हो जाता है, अयस्क कहलाते हैं। जैसे-हेमेटाइट, बॉक्साइट आदि।
(ख) अधिकांश खनिज किस रूप में पाए जाते हैं?
उत्तर- अधिकांश खनिज ऑक्साइड के रूप में पाए जाते है।
(ग) धातुओं की अघातवर्धनीयता तथा तन्यता के गुण का क्या अर्थ है?
उत्तर -अघातवर्धनीयता – धातुओं को पीट ( आघात ) कर चादरों के रूप मे परिवर्तित करने के गुण को अघातवर्धनीयता कहते हैं।
तन्यता – धातुओं को खींचकर तयार के रूप मे परिवर्तित करने के गुण को तन्यता कहते हैं ।
(घ) धातुओं का संक्षारण क्या है?
उत्तर- धातु की सतह पर उसका यौगिक बनकर धातु की एक एक परत के रूप मे उतारने को धातु का नष्ट होना संक्षारण कहलाता है ।
(ङ) मुक्त अवस्था में पाए जाने वाले किन्हीं दो धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर- मुक्त अवस्था मे पाई जाने वाली डॉ धातु -1 सोना ( GOLD) 2 प्लैटिनम ( PLATINUM )।
(च) मिश्र धातु क्या होती है?
उत्तर- धातु का अन्य धातुओं अथवा आधातुओं का उचित अनुपात के मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं । इनके गुणधर्म अपने मूल धातुओ से भिन्न एवं श्रेष्ठ ओटे हैं। जैसे- पीतल, कांसा, सोल्डर तथा स्टेनलेस स्टील आदि ।
(छ) किसी एक द्रव धातु का नाम लिखिए।
उत्तर- पारा एक द्रव धातु है।
6. निम्नलिखित प्रश्नो का उत्तर दीजिए-
(क) धातुओं की ऑक्सीजन से क्रिया को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- धातुओं की ऑक्सीजन से क्रिया – धातु ऑक्सीजन से क्रिया करके आक्साइड बनाते हैं। जैसे –
(ख) धातु तथा अधातु की जल से क्रिया लिखिये।
उत्तर- धातु की जल से क्रिया — धातु जल के साथ क्रिया करके आक्साइड / हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
अधातु की जल से क्रिया – सामान्य ताप पर अधातु की जल से क्रिया नहीं क्रिया होती है। कुछ अधातु जल के साथ क्रिया करके अम्ल बनाती हैं।
(ग) लोहा, ताँबा तथा सोने के अयस्क देश में कहाँ पाये जाते हैं?
(घ) धातुओं की ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया को दो उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- धातु ऑक्सीजन से क्रिया करके धातु आक्साइड बनाते हैं। उदाहरण निम्न हैं-
(ङ) सोडियम धातु का जल तथा ऑक्सीजन से क्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर- सोडियम धातु का जल तथा ऑक्सीजन से क्रिया का रासायनिक समीकरण
(च) धातु तथा अधातु में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- धातु तथा अधातु मे निम्नलिखित अंतर पाया जाता है –
क्र . सं. | गुण | धातु | अधातु |
---|---|---|---|
1 | भौतिक अवस्था | ठोस, कठोर, चमकदार | द्रव व गैस ( ठोस – कार्बन , सल्फर, आयोडीन , फास्फोरस ) |
2 | घनत्व / गलनांक | अधिक ( सोडियम को छोड़कर ) | कम |
3 | ऊष्मीय एवं विद्युत चालकता | सुचालक | कुचालक |
4 | अघातवर्धनीयता / तन्यता | अघातवर्धनीय एवं तन्य | भंगुर एवं तन्यता विहीन |
5 | जल से क्रिया | सामान्य ताप पर क्रिया करके हाइड्रोजन गैस निकलती है । | सामान्य ताप पर क्रिया नहीं |
(छ) धातु के संक्षारण की रोकथाम के लिये अपनायी जाने वाली विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – धातु का संक्षारण नमी तथा वायु ( ऑक्सीजन) उपस्थिति मे ही होता है । इसकी रोकथाम के लिए धातुओं को नमी और वायु से बचाना चाहिए इसके । लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनाई जाती हैं-
(1) पेंट का लेप चढ़ा कर
लोहा, एल्युमिनियम यदि धातुओं की सतह पर पेंट लगाकर उसे संक्षारण से बचाया जा सकता है।
(2) ग्रीस या तेल लगाकर
ग्रीस या तेल लगाकर भी धातुओ को संक्षारण से बचाया जा सकता है।
(3) गैल्वोनीकरण ( धातु चढ़ाना ) ( Galvanization)
इसमे लोहे को पिघले हुए जस्ते मे डुबो देते हैं जिससे उस पर एक पतली परत जम जाती है । इस प्रक्रिया को गैल्वोनीकरण ( धातु चढ़ाना ) ( Galvanization) कहते हैं ।इससे भी संक्षारण नहीं होता है ।
(4) विद्युत लेपन ( Electroplating)
संक्षारण से बचाने के लिए लोहे के ऊपर क्रोमियम या टिन का विद्युतलेपन ( Electroplating) तथा एल्युमिनियम पर एल्युमिनियम आक्साइड का विद्युतलेपन किया जाता है ।
(5) मिश्र धातु बनाकर
दो या दो से अधिक धातुओं को मिलकर नइ धातु का निर्माण किया जाता है जिसे मिश्र धातु कहते हैं। मिश्र धातु मे संक्षारण नहीं होता है ।
(J) तवे के हैंडिल मे लकड़ी लगी रहती है। क्यों ?
उत्तर- तवा धातु से निर्मित होने के कारण ऊष्मा का सुचालक होता है जिससे तवे के साथ साथ उसका हैंडिल भी गरम हो जाता है और उसको हाथ से पकड़ना मुमकिन नहीं हो सकता । इसलिए इसके हैंडिल पर लकड़ी लगा दी जाती है जो की ऊष्मा की कुचालक होने के कारण गरम नहीं होती और तवे को उठाना आसान हो जाता है।
प्रोजेक्ट कार्य
भारत के मानचित्र मे सोना लोहा ,मैगनीज तथा तांबा को दर्शाइए ।
प्रश्नोत्तरी [ quiz ]
इकाई 4 – खनिज एवं धातु
COMING SOON
प्रश्नोत्तरी अभी तैयार की जा रही है जल्द ही आपके लिए प्रस्तुत की जाएगी